Month: February 2023

बल्देवगढ (Baldevgarh)

बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले की एक तहसील बल्देवगढ है। यह जैन धर्म के उपासना स्थलो का एक केन्द्र है। इसके साथ ही वल्देवगढ का किला भी स्थापत्य का एक उद्भुत…

मोहनगढ (Mohangarh)

बुन्देलखण्ड के टीकमगढ जिले में मोहनगढ़ नामक तहसील है। इसका नाम मोहनगढ भी श्रीकृष्णजी के नाम मोहन के आधार पर रखा गया था। यहाँ एक किला बुन्देला राजा श्री उदैत…

जतारा (Jtara)

बुंदेलखंड के टीकमगढ की जतारा तहसील एतिहासिक रुप से समृद्ध रही है। इसका उल्लेख हमें मौर्य कालीन इलाहावाद के शिलालेखों तथा श्री भोयरा जी अभिलेख में प्राप्त होता है ।…

सेवढ़ा (Sevdha)

भारत के सभी तीर्थों का भांजा कहे जाने वाले सेवडा (सनकुआ धाम ) दतिया जिले की एक तहसील है। इसको भारत के आध्यात्मिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है। सृष्टि…

वडौनी (Badoni)

बुंदेलखंड के दतिया जिले की तहसील के रूप में स्थापित है। इस स्थान का बुन्देलों के इतिहास मे एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहाॅ स्थित छोटी बडोनी में स्थापित किले में…

मऊ (Mau)

चित्रकूट जिले की मऊ तहसील प्राचीन स्थल है। यहाँ का लोहरी का किला स्थापत्यकला का श्रेष्ठ उदाहरण है। इस किले का इतिहास में बौद्ध धर्म की भी उपस्थिति ध्यान स्थल…

मानिकपुर (Manikpur)

चित्रकूट जिले की तहसील मानिकपुर राजा माणिकचंद्र के नाम पर आधारित हैं। यहा पाठा के जंगल मे लगभग २० लाख वर्ष प्राचीन शैल चित्र सरहर में प्राप्त हुये है ।…

राजापुर (Rajapur)

हिन्दी साहित्य जगत के ध्रुव तारा एवं श्रीं रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी श्री तुलसी दास जी की जन्म स्थली राजापुर ग्राम है। यह चित्रकूट जिले के अर्न्तगत आता है…

बटियागढ (Batiagarh)

दमोह जिले की यह तहसील अपने दुर्ग के लिये जानी जाती है। यहाँ का इतिहास आदि कालीन सभ्यता का प्रतिनिधि है। यहां झूरी नदी के किनारे शैल चित्र प्राप्त हुये…

पथरिया (Patharia)

दमोह जिले की पथरिया तहसील एक प्रसिद्ध प्राचीन व्यापारिक केन्द्र था। प्राचीन काल मे यह असलाना नामक गाव के पास बस्ती थी। जिसकी न सिर्फ प्रसिद्धी बल्कि व्यापार भी दमोह…

पटेरा (Patera)

दमोह जिले की पटेरा तहसील अपने जैन तीर्थ स्थल कुण्डलपुर के लिये विश्व विख्यात है। यहां आदिनाथ जी की प्रतिमा स्थापित है । मंदिर का अस्तित्व लगभग 8वी शताब्दी से…