यह छतरपुर जिले की एक तहसील है । जो कि अपनी प्राकृतिक वन सम्पदा र्के लिये जाना जाता हैं। इस क्षेत्र का प्रागैतिहासिक कालीन मानव वस्ती का इतिहास है । यहाँ शैल चित्र भी पाये गये हैं। इनमें से कुछ शैलचित्र मानव द्वारा आग की खोज से भी पूर्व के है। Iइसके साथ ही यहा चंदेल वंश तथा कलचुरी राजवंश के अवशेष भी पाये गये हैं। यहां प्रसिद्ध जैन तीर्थ नैनागिरि भी वक्सवाहा नगर से 25 कि मी. की दूरी पर स्थित है। यहाँ का लोकजीवन वनोपज चिरौंजी, तेंदुपत्ता लकड़ी आदि पर आश्रित है।
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