बुंदेलखंड के टीकमगढ की जतारा तहसील एतिहासिक रुप से समृद्ध रही है। इसका उल्लेख हमें मौर्य कालीन इलाहावाद के शिलालेखों तथा श्री भोयरा जी अभिलेख में प्राप्त होता है । इसके चंदेलकालीन राजा जय शक्ति एवं उनकी रानी तारा से संबंधित जय तारा के अपभ्रंश रुप जतारा होने का उल्लेख है। मुगल काल में आइने अकबरी में अवुल फजल के यहां यात्रा करने का विवरण प्राप्त होता है। मदन वर्मा द्वारा निर्मित मदन सागर प्रमुख जल स्रोत है ।

Leave a Reply