कालपी (kalpi )

कालपी बुन्देलखण्ड की एतिहासिक नगरी के रुप में प्रतिष्ठित है। इसे बुन्देलखण्ड का द्वार भी कहा जाता है। इस का प्राचीन नाम कालप्रिया नगरी था। पुरातत्व विभाग के द्वारा इस तहसील क्षेत्र में प्रागैतिहासिक काल के साक्ष्य मिलने की पुष्टि की है। यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल मध्यकाल मे महत्वपूर्ण स्थल था । यहाँ की मीनार लंका मे रावण के परिवार के सभी सदस्य उत्कीर्ण है । इसके अतिरिक्त वनखंडी माँ का मंदिर आस्था का केन्द्र है। चौरासी खभां भी मध्य कालीन स्थापत्यं का एक उदाहरण है। अग्रेजी राज के समय यह बुन्देलखण्ड एजेंसी के क्षेत्र मे आने वाली जागीरो मे सम्मलित थी। सरस्वती के वरदपुत्र माने जाने वाले बीरबल का जन्म कालपी में हुआ था।

लंका मीनार

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