कुलपहाड़(Kulpahad)

बुंदेल केसरी राजा छत्रसाल के समय से इस नगर की बसावट एवं विकास के सुव्यवस्थित प्रमाण मिलते हैं। ऐसी मान्यता है की इस क्षेत्र में कुलुहा पहाडिया नामक एक ग्राम बस्ती थी जो वाद में कुलपहाड़ नाम से जानीयह प्रारंभ में जैतपुर रियासत का हिस्सा रहा तथा कालांतर में यह चरखारा रियासत का भाग हो गया था । यहां पर राजा छत्रसाल के द्वारा निर्मित सेनापति का किला स्थित है। जो कि एक खडी पहाडी जिसकी उंचाई लगभग 800 फुट है उसके उपर बुंदेली स्थापत्य की ध्वजा के रुप में स्थापित है। इसका संबंध एवं गुप्त मार्ग सुगिरा तक भी जाता है। जो की चंदेल काल से गढी के रुप मे सैन्य केन्द्र था स्थापित है। 1804 में यह क्षेत्र अंग्रेजीं सरकार के आधीन आ गया था ।

कुलपहाड़ नगर में वाघ विराजन माता का मन्दिर स्थानीय लोगों की आस्था का केन्द्र है। यहां पर एक प्राचीन क्रिश्चन स्कूल भी स्थापित रहा है ।

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