ग्रह लक्षण

 सूर्य
अगर आपके कुंडली में सूर्य नाराज है ,तो उसके निम्न लक्षण देखने को मिलेंगे :
• चेहरे से तेज गायब हो गया है।
• हमेशा थका हुआ और आलस्य महसूस करते हैं।
• हृदय के आसपास दर्द का अनुभव।
• अक्सर हृदय का धड़कन सामान्य से ज्यादा रहना या छोटी-छोटी बातों से धड़कन बढ़ जाना।
• सरदर्द या बुखार से बार-बार ग्रसित हो रहे हैं।
• सरकारी नौकरी में दिक्कत आ रही है।
अगर ये लक्षण आपके भी जीवन में देखने को मिल रहे हैं, तो समझ जाए आपको भगवान् सूर्य को प्रसन्न करने की आवश्यकता है।

पहचानिए यह लक्षण देखकर, कौन सा ग्रह आपसे नाराज है ?

• सूर्य
अगर आपके कुंडली में सूर्य नाराज है ,तो उसके निम्न लक्षण देखने को मिलेंगे :
• चेहरे से तेज गायब हो गया है।
• हमेशा थका हुआ और आलस्य महसूस करते हैं।
• हृदय के आसपास दर्द का अनुभव।
• अक्सर हृदय का धड़कन सामान्य से ज्यादा रहना या छोटी-छोटी बातों से धड़कन बढ़ जाना।
• सरदर्द या बुखार से बार-बार ग्रसित हो रहे हैं।
• सरकारी नौकरी में दिक्कत आ रही है।
अगर ये लक्षण आपके भी जीवन में देखने को मिल रहे हैं, तो समझ जाए आपको भगवान् सूर्य को प्रसन्न करने की आवश्यकता है।

• चन्द्रमा

अगर आपका चन्द्रमा खराब है, तो इसके निम्न संकेत देखने को मिलते हैं :
• मन अक्सर दुखी या निराश रहता है।
• छोटी-छोटी बातों पे रोना आ जाता है।
• मानसिक रूप से अक्सर या हमेशा बेचैनी महसूस करते रहते हैं।
• अँधेरे से भय लगता है।
• पूर्णिमा या अमावस्या को मानसिक तनाव बहुत बढ़ जाता है।
• जो कार्य आप करते हैं उसमे मन नहीं लगता, या पर्याप्त मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती।
• प्रियजनों के साथ न चाहते हुए भी अनबन होना।
• सर्दी जुकाम की समस्या पीछा नहीं छोड़ रही है।
अगर ये सब लक्षण आपको अपने जीवन में दिख रहा है, तो यह मान लेना चाहिए की आपका चन्द्रमा अशुभ है।

• मंगल ग्रह

कुण्डली मे मंगल ग्रह के खराब होने पर निम्न लक्षण देखने को मिलते हैं:

• आँखों में अक्सर कोई न कोई दिक्कत बना रहना।
• जोड़ो में दर्द होना।
• खून की कमी होना।
• टाइफॉइड या पीलिया जैसे रोग होना।
• पराक्रम या उत्साह की कमी होना।
• वाणी से कर्कश होना। ना चाहते हुए भी किसी को बुरा भला कह देना और बाद में पछताना।
ये सारे लक्षण मंगल ग्रह के ख़राब होने के संकेत हैं।

• बुध ग्रह

अगर आपका बुध ग्रह ख़राब परिस्थिति में है, तो इसके निम्न संकेत हैं :
• हकला कर बोलना, बार -बार हिचकी आना या किसी भी प्रकार कि वाणी से जुड़ी समस्या।
• कर्ज मे पड़ना।
• पड़ोसियों से कलह रहना।
• नर्वस सिस्टम का कमजोर पड़ना।
• दिमाग का अक्सर भ्रमित रहना।
इन लक्षणों के दिखने पर समझ जाना चाहिए की जीवन में बुध ग्रह उदास है।

• बृहस्पति ग्रह

बृहस्पति ग्रह अर्थात गुरू के खराब होने के निम्न लक्षण होते हैं:
• बेवजह अपयश मिलना, अर्थात किसी और का दोष अपने सर पर आना।
• श्वास दोष का शिकार होना।
• धन की चोरी होना।
• प्रेम में असफल होना।
• बुरे सपने आना।
• मंगल कार्यों में विघ्न आना।
• आवेश ऊर्जा का कमी होना।
• शिक्षा में जितनी मेहनत करें उतना फल न मिलना।
ये सब बृहस्पति ग्रह के कमजोर होने के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत ही बृहस्पति ग्रह को मनाने के उपाए शुरू कर देनी चाहिए।

• शुक्र ग्रह

अगर आपका शुक्र ग्रह ख़राब है , तो इसके निम्न लक्षण देखने को मिलेंगे :
• त्वचा रोग से बार बार पीड़ित होना।
• पराई स्री की कामना करना।
• गुप्त रोग से पीड़ित होना।
• कर्ज में डूबे रहना।
• खूब परिश्रम करने के बावजूद आर्थिक लाभ न होना।
ये सारे लक्षण दिखने पर शुक्र ग्रह को खुश करने के उपाए करने चाहिए।

• शनि ग्रह

कुण्डली मे शनि ग्रह का दोष होने पर जीवन मे निम्न संकेत देखने को मिलेंगे:
• रोजगार तथा आय मे हानि।
• समाज मे मान- सम्मान मे हानि।
• अचानक किसी बड़ी बीमारी की चपेट मे आना तथा लंबे समय तक ठीक नही होना।
• दुर्घटना होना या परिवार मे अचानक अकाल मृत्यु होना।
• अपने कार्य स्थल पर दूसरे कर्मचारियों से मतभेद होना।
• हर कार्य विलंब से होना।
ये सारे लक्षण दिखने पर अविलंब शनि महाराज को खुश करने के उपाए करने चाहिए, क्योंकि शनि ग्रह को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। अगर समय पे इसका उपाए ना किया जाए तो कोई बड़ी क्षति भी झेलनी पर सकती है।

राहू

अगर आपके जीवन मे राहू कमजोर है, तो निम्न लक्षण आपको देखने को मिलेगा:
• अनिद्रा से परेशान।
• किसी भी कार्य को करने मे अरुचि।
• रोजगार मे हानि।
• बुरे सपने आना, खासकर साँपो के स्वप्न बार-बार आना।
• परिवार के सदस्यों से बेवजह मतभेद होना।
• अपने से कमजोर दुश्मनों का भी आपके उपर हावी होना।
ये सारे लक्षण अगर दिखें, तो समझ जाना चाहिए कि कुण्डली मे राहू दोष शुरू हो गया है।

केतु

कुण्डली मे केतु के कमजोर होने पर निम्न संकेत देखने को मिलते हैं:
• व्यवसाय मे अचानक बहुत भारी नुकसान होना।
• कर्ज मे डूबते जाना।
• लड़ाई- झगड़े से हमेशा परेशान रहना।
• आग के कारण आर्थिक क्षति होना जैसे, दुकान मे आग लगना या घर मे आग लगना।
• भाईयों से या माता-पिता से मतभेद हो जाना।
• जीव-जंतुओं से समान्य से अधिक खौफ होना या किसी जानवर के काटने का भय सताना।
ये सभी लक्षण केतु के अशुभ होने के संकेत हैं। इस तरह के लक्षण दिखे तो केतु के दोष निवारण का उपाए अवश्य करें।

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