माधौगढ (Madhogarh )

बुंदेलखण्ड के जालौन जिले की एक तहसील माधौगढ़ एक रोचक इतिहास की साक्षी है। माधौगढ़ तहसील का प्राचीन नाम रौनी जू था। यहाँ का रामेश्वर शिवलिंग दक्षिण भारते के तीर्थ रामेश्वरम के शिवलिंग से समानता रखता है। यह एक लिंग शिव जिसमें लवें कानों मे कुंडल एवं सिर पर जटा युक्त मूर्ति है। स्थानीय लोगों की आस्था का केन्द है। यह मदिर लगभग 9 वीं शताब्दी का प्रतीत होता है। विश्व का एक मात्र पंचनद संगम रामूपुरा ब्लाक में है। यहाँ यमुना, चम्बल पहुज सिंध एवं क्वारी नहीं का संगम होता है।

जगम्मनपुर का किला

माधौगढ के वर्तमान नामकरण का कारण पहलवान माधोसिंह की कुश्ती की लोकप्रियता थी। जिससे प्रसन्न होकर इस स्थान की जागीर एवं नाम प्रदान किया गया था । यहाँ प्राचीन काल में दंगल लगा करते थे। इसके साथ ही माधौगढ़ तहसील स्थित जगम्मन पुर रियासत का तीन मजिला किला अदभुत है । इस किले के निर्माण मे देहरी पूजन मानस रचियता गोस्वामी तुलसी दास जी के द्वारा किया गया था। इसके साथ ही एक कुआ भी जिसका नाम उन्होने सागर कुआं रखा था। आज भी स्थित है। माधौगढ तहसील न सिर्फ़ कुश्ती के लिये वल्कि अपनी घी के व्यापार के लिये जानी जाती थी। एवं मध्यकालीन समृद्ध व्यापार केन्द था। आज भी बुन्देल खण्ड के कई जिलो में माधोगढ घृत भंडार के नाम से दुकान इसकी पुष्टि करती है ।

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