बुंदेलखंड के महोबा जिला की बेलाताल तहसील अपनी धरती में कई एतिहासिक कथानकों को समेटे हुये है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण यहाँ के तालाब का निर्माण चन्देल काल में वल वर्मन जिन्होने कई अन्य तालाबों का भी निर्माण 1130 इसवीं में करवाया था । वे चन्देल राजा मदन वर्मा के भाई थे। इन्होंने अपनी रानी वेला के नाम पर वेलाताल रखा गया था। इसकी प्रेरणा उन्हें ऋषि जयंत से मिली थी । जिनके नाम पर कालांतर में जयंतपुर बसाया गया । जो कि जैतपुर अपभ्रंश होने की संभावना है।
यह राजा छत्रसाल के समय महत्वपूर्ण किला था । इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण घटना राजा छत्रसाल का पेशवा से मदद मांगने का कारण उसका बेलाताल के किले में वंगश खान का आक्रमण किया जाना था। यहीं से इतिहास प्रसिद्ध वाजीराव पेशवा – मस्तानी की प्रेम कथा का प्रारम्भ हुआ जो कि छत्रसाल की बेटी थी। बाजीराव पेशवा ने यहां वगंश खां को हराया था। यहाँ आज भी मस्तानी महल स्थित है
स्वतंत्रता संग्राम के काल में यहां के राजा ने स्वतंत्रता संघर्ष हेतु योजना वद्ध होने के लिये ग्राम सूपा में बुढवा मंगल का आयोजन करके अन्य राजाओं को आमंत्रित कर तैयारी की । किंतु मुखबिरी से यह प्रयास असफल हुआ तथा अंग्रेज सरकार ने राजा पारिक्षित को विष दे कर हत्या कर दी । राज्य हडप नीति के तहत यह रियासत भी अंग्रेजी साम्राज्य में मिला लीं गयी। बादल महल, ड्योढ़ी महल, छेमाही माता मंदिर, धौंसा मंदिर यहां की प्रसिद्ध इमारत हैं।