दमोह जिले की जवेरा तहसील इतिहास के दो प्रमुख कालखंडों के चिहन उल्लेख करती है । 1892 – 94 मे हेनरी कूसेस नामक इतिहासकार ने नोहटा ग्राम के शिव मंदिर को प्रकाश में लाया । इसका नामकरण रानी नोहला के नाम पर हुआ था। यह चबूतरे पर वना हुआ शिव मंदिर है । यह भारतीय स्थापत्यकला के श्रेष्ठ उदाहरणो मे एक है। इस शिव मंदिर मे चिमटे चढाये जाने की परम्परा है। इस मंदिर मे अष्ट लक्ष्मी की प्रतिम उल्लेखित की गयी है। इसके अतिरिक्त इसके चारो ओर सुरम्य पर्वत श्रंखला है। वीरांगना रानी दुर्गावती का महल भी इसकी एतिहासिक पृष्ठभूमि का सीमांकन करता है । प्राकृतिक वन्य जीव संरक्षण को आधार देने हेतु एक रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण्य भी स्थापित है।

नोहलेश्वर मंदिर

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