छतरपुर

छतरपुर रियासत कालीन बुंदेलखंड का एक नगर है। जिसकी स्थापना बुदेलखण्ड केसरी महाराज छत्रसाल द्वारा की गयी थी। छतरपुर पर कमशः महाराजा छत्रसाल के उपरात स्वतत्रता प्राप्ति तक कुवंर सोन शाह,परताब सिह,जगत सिंह, विश्वनाथ सिह प्रथम विश्वनाथ सिंह द्वितीय एवं भवानी सिंह ने शासन किया । इसके पश्चात विंध्य प्रदेश के भाग के रुप मे इसे 1956 में मध्य प्रदेश राज्य के जिले के रुप मे मान्यता प्राप्त हुयी । एतिहासिक रूप से छतरपुर जिला एक समृद्ध सांस्कृतिक केन्द्र रहा है। चदेल वंश की सास्कृतिक राजधानी खजुराहों इस जिले को अंर्तराष्ट्रीय पटल पर  उल्लेखित करती है। बुंदेली भाषा राव सस्कृति को सहेजने मे इस नगर का महत्वपूर्ण योगदान हैं । प्रसिद्ध लोकगीत कलाकार देशराज पटैरिया विशिष्ट व्यक्तित्व थे छतरपुर जिले मे जटाशंकर धाम, श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र द्रोणागिरि हैं बडा मलहरा स्थित है। नवतीर्थ के रुप में वागेश्वर धाम सरकार, गंज के रूप मे हनुमान जी के स्थान को न सिर्फ भारत बल्कि अन्य देशों में भी श्रद्धा स्थल के रूप मे मान्यता मिल रही है। भीम कुंड, रनेह फाल यहाँ के प्रसिद्ध प्राकृतिक स्थल हैं। बुंदेली ग्राम बसारी मे आयोजित बुंदेली मेला एक महत्वपूर्ण आयोजन है। छतरपुर जिले का मुख्य आप स्रोत कृषि है। आधुनिक मध्य प्रदेश के सबसे तेज विकास करने वाले जिलों में छतरपुर का महत्वपूर्ण स्थान है ।