नटराज शिव जहों मतंगेश्वर महादेव के रूप में विराजित है।ऐसा माना जाता है कि शास्त्रीय नृत्य हिंदू मंदिरों से निकला है वहीं इसको परिपक्वता प्राप्त हुई है इसी परम्परा को पोषित करने हेतु खजुराहो मंदिर परिसर की उस पुण्य भूमि में विगत कई दशकों से नृत्य महोत्सव का आयोजन होता आया है। इसका प्रारभ सन 1975 से हुआ था। इसका आयोजन फरवरी- मार्च के महीने में होता है। इस नृत्य महोत्सव में अखिल भारतीय स्तर के नृत्य कलाकार प्रतिभागिता करते है । खजुराहो नृत्य महोत्सव में कला प्रदर्शन कलाकारों के लिये गर्व का विषय माना जाता है। भारत के जाने-माने श्रेष्ठ कलाकार कथक, कुचिपुडि, ओडिसी, भरतनाट्यम, मणिपुरी और मोहिनीअट्टम जैसे ‘भारतीय शास्त्रीय नृत्यों’ का प्रदर्शन करते है। इसमें भारी संख्या में न सिर्फ विदेशी नागरिक दर्शक होते है वल्कि कई देशों के राजदूत भी शामिल होते है।

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