र्वत धरातल के ऐसे ऊपर उठे भागों के रूप में पहचाने जाते हैं जिनका ढाल तीव्र होता है और शिखर भाग संकुचित होता है

साधारण तौर पर 900 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्र को पर्वत कहते है तथा   900 मीटर से कम ऊँचाई क्षेत्र को पहाड़ी कहते है । पर्वत विश्व का कुल 26 % भाग ही घेरे हुए है किंतु इन पर केवल 1 % जनसंख्या ही निवास करती है।

निर्माण प्रक्रिया के आधार पर पर्वतों को 2 वर्गों में बांटा गया है-

मौलिक या विवर्तनिक पर्वत ⇒(Orignal  or Tectonic Mountains)

ये पर्वत भू हलचलों दबाव तनाव व् ज्वालामुखी के कारण उत्पन्न हुए है इन्हे पांच उपवर्गों में बांटा गया है 

  • मोड़दार या वलित पर्वत – पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों द्वारा धरातलीय चट्टानों में वलन या मोड़ पद जाने के कारण ें पर्वतो का निर्माण हुआ है ।                                                                                                                                                                             
     (i) नवीन वलित पर्वत — इनका निर्माण तृतीयक युग में हुआ ये संसार के सर्वाधिक ऊँचे तथा क्षेत्रीय  विस्तार वाले पर्वत है , इनकी चोटिया सदा हिम से ढकी रहती है ।  जैसे  रॉकीज , आल्पस, हिमालय आदि ।

  (ii) प्राचीन वलित पर्वत  – इनका निर्माण  तृतीयक युग के पहले हुआ । जैसे – यूराल , अरावली, विध्याचल, एप्लासियन पर्वत , आदि ।


 

  •   ब्लॉक पर्वत- ऐसे पर्वतों का निर्माण पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों के कारण तनाव व् खिचाव की शक्तियों से  धरातल के किसी भाग में भृंश या दरारे पद गयी  जिसके कारण ऐसे पर्वतों कानिर्माण हुआ । जैसे – 

 

 

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