बुदेलखण्ड की शौर्य परम्परा के अप्रतिम रत्न के रुप में राजा खेत सिंह खंगार का नाम प्रसिद्ध है। वीर खेत सिंह खंगार जी उस समय के प्रतापी राजा पृथ्वी राज चौहान के प्रमुख सामंत थे । इनका जन्म गुजरात में राजा रुणदेव सिंह के यहाँ ११४० ई. मेंहुआ था। महाराज पृथ्वीराज चौहान के समक्ष शेर को चीर कर इन्होंने सिंह की उपाधि प्राप्त की।
इनकी वीरता का सर्वप्रमुख प्रमाण महोबा के युद्ध में उदल को वीरगति प्रदान करना था । जिसके पश्चात शोकाकुल आल्हा अपने गुरु गोरक्षनाथ के आदेश पर युद्ध छोडकर चले गये । इसमें प्रथ्वीराज की विजय हुयी । इसी युद्ध के बाद खेत सिंह खंगार का गढ कुडार में राज्याभिषेक पृथ्वीराज चौहान के द्वारा ११८२ मे किया गया । इनकी वीरता की कथाओं मे इनके विवाह का उल्लेख प्रमुख है जिसमे इन्होंने बासठ किलो की तलवार से शिला के दो टुकडे कर वधू का वरण किया था । इनके द्वारा ही जुझौति खण्ड की स्थापना होना माना जाता है ।